ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय ने रश्मि सामंत के मामले में अपना निर्णय देते हुए यह माना है कि रश्मि सामंत को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया था।
https://twitter.com/RashmiDVS/status/1416228027885883393
फरवरी में रश्मि सामंत चर्चा में आईं थीं, जब उन्हें ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में छात्र संघ में पहली महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। रश्मि ने इसी वर्ष 11 फरवरी को हुए चुनावों में “अनौपनिवेशवाद और समावेश” के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। परन्तु उनका इस मुद्दे पर जीतना एक बड़े वर्ग को रास नहीं आया था और उसने रश्मि सामंत के अतीत और उनके धर्म के आधार पर शोर मचाना शुरू कर दिया था।
गौरतलब है कि यह अभियान किसी और ने नहीं बल्कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के ही एक प्रोफ़ेसर अभिजीत सरकार ने चलाया था। और यह घृणा से भरा हुआ अभियान किसी रश्मि सामंत के खिलाफ न होकर पूरे हिन्दू समाज और हिन्दू धर्म के खिलाफ था। उन्होंने रश्मि के परिवार द्वारा राम मंदिर के प्रति प्रेम व्यक्त करने पर प्रश्न उठाए थे और रश्मि की व्यक्तिगत तस्वीर को अपने घृणा के लिए साझा किया था।
अपने इन्स्टाग्राम पर एक तस्वीर लगते हुए अभिजीत ने कहा था कि “यह एक वायरल फोटो है, जिसमें रश्मि के रिश्तेदार, संभवतया उनके मातापिता, उस मंदिर के निर्माण का उत्सव मना रहे हैं, जो एक मस्जिद को ध्वस्त करके बना है। वह कर्नाटक में मनिपाल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलोजी से ऑक्सफोर्ड आई हैं, जिस संस्थान की आधिकारिक वेबसाईट पर प्रधानमंत्री मोदी का चित्र लगा हुआ है। और वह तटीय कर्णाटक से आई है जो इन दिनों इस्लाम से घृणा करने वाली हिंदुत्ववादी शक्तियों का केंद्र बना हुआ है। और उसके अभियान में काफी पैसा खर्च हुआ है, वह किसने खर्च किया, जाहिर हैं, भारतीयों ने ही!”
उसके बाद कई हिन्दुफोबिया कमेंट आने के बाद और एक प्रकार से धर्म के आधार पर उनकी बुलींग होने के कारण रश्मि ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। रश्मि सामंत ने त्यागपत्र तो दिया, पर लड़ाई अधूरी नहीं छोड़ी।
रश्मि का पक्ष रखने वाले आदित्य श्रीनिवासन ने ट्वीट किया कि
ऑक्सफ़ोर्ड ने रश्मि सामंत द्वारा दर्ज की गयी उत्पीडन की शिकायत में जांच पूरी कर ली है। मुझे खुशी है कि निर्णय आ गया गया है और मैं इस जांच के परिणाम से खुश हूँ।
Oxford has finally concluded its investigation into the harassment complaint filed by Ms Rashmi Samant (@RashmiDVS ). I am delighted that a decision has been reached, and I am pleased with the outcome of the investigation. …
— Adhitya Srinivasan (@ads_0013) July 16, 2021
और उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले कई महीने रश्मि सामंत के लिए भावनात्मक रूप से कमज़ोर करने वाले रहे होंगे और मैं इस पूरी प्रक्रिया में रश्मि सामंत की हिम्मत की सराहना करता हूँ।
फिर उन्होंने कहा कि अभी वह इतना ही बता सकते हैं,
For those asking for more details, I’m afraid we’re precluded from saying anything more at this stage. Personally, I think this is unfortunate given that @RashmiDVS was subjected to a very public humiliation.
— Adhitya Srinivasan (@ads_0013) July 16, 2021
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय स्वरों को व्यक्त करने वाली वेबसाईट ऑस्ट्रेलिया टुडे ने भी इस समाचार पर हर्ष व्यक्त किया है:
Here’s the best news in weeks we have heard.
Brave @RashmiDVS courageously fought against #Hinduphobic mob of @UniofOxford and now Uni has ruled in her favour. @hinduoncampus @DrAmbardar https://t.co/kYfwkxOlTg— The Australia Today (@TheAustoday) July 17, 2021
हिंदू एक्टिविस्ट इस समाचार से खुश हैं और अपनी अपनी खुशी व्यक्त कर रहे हैं।
Delighted to announce that @UniofOxford has upheld Rashmi Samant's stand on harassment. The outcome reflects satya, & as we all know, #SatyamevaJayate is an eternal, incontestable truth in itself. Well done for not relenting, & hold your held high, RS. धर्मो रक्षति रक्षितः 1/2.. pic.twitter.com/cRxlfFhLkC
— Abhaey Singh (@Abhaey) July 16, 2021
फिर भी लोग यह अपेक्षा कर रहे हैं कि निर्णय जो भी आया है, वह सामने आए और पश्चिम में जिस तरह से हिन्दूफोबिया बढ़ रहा है, उस पर रोक लगे, जिससे रश्मि सामंत जैसी लड़कियों को इस भेदभाव का सामना न करना पड़े!
रश्मि सामंत ने ट्वीट करते हुए कहा कि
Cannot think of a more apt summary for the saga this has been,
धर्मो रक्षति रक्षितः
— Rashmi Samant (@RashmiDVS) July 16, 2021
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