कश्मीर में दो सिख लड़कियों के जबरन इस्लाम में मतांतरण को लेकर सिख समुदाय में क्रोध है। और शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस बात को लेकर सरकार से यह अनुरोध किया है कि अंतर्धार्मिक विवाह के लिए नियम बनाए जाएं, और उत्तर प्रदेश में लव जिहाद को लेकर जो क़ानून बना है, वैसा ही क़ानून लागू किए जाने की बात वह कर रहे हैं। इस बात को लेकर मनजिंदर सिंह सिरसा की आलोचना हो रही है और नेट पर उनके पुराने वीडियो भी शेयर हो रहे हैं।
भारत में धर्मांतरण विरोधी कानूनों के लिए हिंदू धर्म को “कमजोर धर्म” बता कर मजाक उड़ाने वाले अकाली दल के “गिरगिट” नेता #Sirsa अब सिख बच्चियों को जबरन धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनने से बचाने के लिए वही कानून चाहते हैं 🤨
क्या अब #Sikh धर्म कमजोर हो गया ?#ForcedConversion retweet pic.twitter.com/oPEBpdmY6p— Sukhpreet Kaur (@GSukhpreet) June 27, 2021
दरअसल जब से किसान आन्दोलन आरम्भ हुआ है और उससे भी पहले नागरिकता संशोधन क़ानून के दौरान मनजिंदर सिंह सिरसा सरकार का विरोध करते आए थे, सरकार के विरोध के साथ साथ वह मुस्लिमों का तुष्टिकरण करते हुए नज़र आए थे। नागरिकता संशोधन कानून पर भाजपा से अलग राय रखने के कारण दिल्ली के विधानसभा चुनावों में अकालीदल ने भाग नहीं लिया था क्योंकि वह मुस्लिमों को भी नागरिकता संशोधन अधिनियम में सम्मिलित करना चाहते थे:
M Sirsa: SAD and BJP have an old relationship, but after stand by Sukhbir Badal ji on #CAA which was to include ppl from all religions, BJP leadership wanted us to reconsider this stand. So, we decided to not fight these polls instead of changing our stand. #DelhiElections2020 pic.twitter.com/eWfR7lViLI
— ANI (@ANI) January 20, 2020
और अब मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि उन्होंने उस समय जिन लोगों की लड़कियों को बचाया, उन्हीं लोगों ने उनकी लड़कियों के साथ यह किया। यहाँ तक कि जब उनसे लव जिहाद और उसके लिए कानून बनाने के विषय में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि किसी का धर्म इतना कमज़ोर क्यों हो कि उसे क़ानून का सहारा लेकर अपना धर्म बचाना पड़े। इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि ऐसा धर्म होना भी पाप है। और उन्होंने यह कहा था कि लव जिहाद अगर हो रहा है तो उसमें अपने धर्म की कमियों को दूर करना चाहिए, और कहीं न कहीं यह स्थापित करने की कोशिश की थी कि हिन्दू धर्म कमज़ोर धर्म है। इसी बात पर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने भी निशाना साधा
मौसम के हिसाब से यह साहब भी अपना रंग बदलते हैं !
इसीलिए सिरसा साहब @myogiadityanath जी कि #Anticonversionbill का साथ दीजिए ! pic.twitter.com/O5fEyhaDL4— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 27, 2021
जब हिन्दुओं का दर्द न समझकर उन्हें ही कमजोर, धर्म में कमी है आदि बताया गया था, तो उस समय भी लोगों का दिल बहुत दुखा था, क्योंकि हिन्दू धर्मावलम्बी सिखों को खुद से अलग मानते ही नहीं हैं। गुरु नानकदेव, गुरु गोविन्द सिंह सभी का आदर करते हैं, पूजते हैं, गुरुद्वारा पर शीश झुकाते हैं। और उसके बाद जब उसी उदार हिन्दू समाज पर यह आरोप लगता है कि आपका धर्म कमज़ोर है आदि आदि, तो आहत होना स्वाभाविक है।
Naani teri morani ko mor le gaye
Baaki jo bacha tha kaale chor le gaye…
Sad reality of Punjab: while Islamists & Conversion mafia is plundering Punjab, leaders like @mssirsa r mocking Hindus & giving gyan that Hinduism should not exist. Remember Hinduism is mother of Sikhism pic.twitter.com/35Hc6ZZKPz
— Radharamn Das (@RadharamnDas) June 28, 2021
नेट पर सभी लोग सिखों की उन बेटियों के साथ हैं, जिनके साथ यह धोखा हुआ। बन्दूक की बिंदु पर अपहरण हुआ और फिर उन्हें इस्लाम में मतांतरित कर दिया गया। यही सब तो हिन्दुओं की बेटियों के साथ होता है, उनके साथ तो और भी बड़ा छल होता है। उनके साथ तो हिन्दू नाम रखकर धोखा होता है। कितने मामले ऐसे आए हैं, कि लड़के ने अपना नाम हिन्दू बताकर दोस्ती की, और उसके बाद कुछ खिलाकर नशे की स्थिति में सम्बन्ध बनाए और जबरन निकाह किया।
निकिता तोमर की सरेराह हत्या को कौन भूल सकता है? इसी सप्ताह कई लड़कियों के मामले आए हैं। न जाने कितनी हिन्दू लड़कियों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है। वर्ष 2018 में अंसारी ने अपनी हिन्दू पत्नी जूही का खून केवल इसलिए कर दिया था क्योंकि वह अब दूसरी हिन्दू लड़की से निकाह करना चाहता था। मेरठ में हिन्दू माँ और बेटी की हत्या भी लड़की के मुस्लिम प्रेमी ने कर दी थी और हत्या के बाद घर में ही दोनों को दफना दिया था। अभी 27 जून को जब सिरसा साहब आप अपनी सिख लड़की के लिए वहां पर आन्दोलन कर रहे थे, उस समय मध्यप्रदेश में एक और लड़की अमित बने अनस का शिकार हो गयी थी।
ऐसे एक नहीं सैकड़ों मामले आए थे और यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार लव जिहाद के लिए बिल लाई थी। और यह भी न समझा जाए कि लव जिहाद जैसा कोई शब्द हिन्दुओं की देन है। इस शब्द को सबसे पहले ईसाईयों ने केरल में प्रयोग किया था और न्यायालय ने भी इस ओर ध्यान दिया था।
क्या विडंबना है कि आप लव जिहाद शब्द का प्रयोग कर रहे हैं, जो कभी इसे मानते ही नहीं थे, और क़ानून के कारण हिन्दू धर्म को ही कमज़ोर बताकर कठघरे में खड़ा करते थे। यह कोई न सोचे कि कोई भी सिख भाइयों का या सिख बच्चियों का मज़ाक उड़ा रहा है, हर कोई इस घृणित खेल के खिलाफ है, जो कोई न कोई बहाना कर, किसी न किसी माध्यम से हर उस लड़की को शिकार बना रहे हैं, जो उनके मत को नहीं मानती हैं। उसके लिए वह ग्रूमिंग जिहाद करते हैं, उसके लिए वह धमकी देते हैं, उसके लिए वह बन्दूक का सहारा लेने से नहीं डरते!
जैसा कपिल मिश्रा ने कहा है कि वह सिरसा जी की मांग का समर्थन करते हैं, और वह कहते हैं कि हमारी बच्चियों के खिलाफ इस युद्ध में हमें एक साथ आना चाहिए:
I totally support this demand by Sirsa ji.
This is high time we all should acknowledge and stand united against this war against our daughters #lovejihaad https://t.co/UP2Itamg9F
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 28, 2021
मगर सिरसा साहब, राजनीति करते समय, हिन्दुओं को नीचा दिखाने वाली राजनीति से किसी का भी भला नहीं होगा क्योंकि यह तो देखना ही होगा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सिखों के साथ क्या हो रहा है और वह किस भेदभाव एवं हिंसा का सामना कर रहे हैं, पाकिस्तान में भी सिख और हिन्दू लड़कियां उसी षड्यंत्र और शोषण का सामना कर रही हैं, जैसा यहाँ पर! पर पाकिस्तान से तो भागकर भारत आया जा सकता है, यहाँ से भागकर कहाँ जाएंगे हिन्दू और सिख? यह प्रश्न पूछा जाना चाहिए और उत्तर यही आएगा कि यह समय दोषारोपण का समय न होकर लव जिहाद से लड़ने का है!
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